क्यों मैं और मेरे सदस्य कोरोना वैक्सीन का प्रायोगिक टीका (Experimental Vaccine) नही लेंगे ।
और कैसे मैं अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा विश्व के प्रसिद्ध डॉक्टरों द्वारा बताये गये प्रमाणीत,
श्रेष्ठ और सुरक्षित इलाज से करूँगा
!!!
एडवोकेट निलेश ओझा इंडियन बार असोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष है और उपरोक्त विचार उनके शुभचिंतकों द्वारा बार बार पूछे जाने वाले सवाल के जवाब में उन्होंने रखे है।
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कारण 1 # क्योंकि,
मैं स्वस्थ हूँ और वैक्सीन की वजह से मर जाने का खतरा है। मेरे परिचित कई लोगों की मौत वैक्सीन लेने की वजह से हुई है। [America’s
Frontline Doctors White Paper on Covid-19 Experimental Vaccine].
Link: https://img1.wsimg.com/blobby/go/99d35b02-a5cb-41e6-ad80-a070f8a5ee17/SMDwhitepaper.pdf
यह वैक्सीन अभी प्रायोगिक स्तर पर ही है और अभी तक इसका अंतिम परिणाम और प्रामाणिकता सच्चे वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध नहीं हुई है।
26 जून,
2021 को लंदन में
10 लाख लोगों ने एक भव्य मोर्चा निकलकर वैक्सीन,
मास्क और लॉकडाऊन तुरंत खत्म करने की मांग की है।
*Link:-* https://www.mylondon.news/news/zone-1-news/london-protests-live-thousands-anti-20910139
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कारण 2 # वैक्सीन
*(टीका)* लेने के बाद भी कोरोना से बचने की कोई गॅरंटी नही है। व्हॅक्सीन के दो डोज लेने के बाद भी कोरोना से अनेकों लोगों की और प्रतिष्ठित डॉक्टर्स की जान गई है।
कोरोना के दोनों डोज लेने वाले दिल्ली के
60 डॉक्टर्स की मौत कोरोना से हुई। आय.
एम. ए. के पूर्व अध्यक्ष डॉ.
के. के. अग्रवाल की मौत भी सबसे बड़ा उदाहरण है।
ऐसे मे,
मैं वैक्सीन लेकर खुद की हत्या के प्रयास का
*(Attempt to Murder Myself)* आरोपी नहीं बनना चाहता।
*Link:1* https://theprint.in/health/at-least-60-delhi-doctors-have-died-in-2nd-covid-wave-families-are-left-to-pick-up-pieces/661353/
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कारण 3 # वैक्सीन लेने के बाद मुझे निम्नलिखीत बहुत ही जानलेवा साइड इफेक्ट्स (दुष्परिणाम)
होने का खतरा है और इन्हीं कारणों से ११ युरोपियन देशों ने वैक्सीन पर रोक लगाया था। इस बारे में हाल ही में लंदन की विश्वप्रसिद्ध डॉ.
टेस लॉरी ने खुद एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के द्वारा कानूनी शिकायत दर्ज करवाई है।
*Link:-* https://dailyexpose.co.uk/2021/06/24/crimes-against-humanity-uk-government-release-21st-report-on-adverse-reactions-to-the-covid-vaccines/
डॉ.
टेस लॉरी ने अपने लिखित पत्र में निम्नलिखित दुष्परिणामों के सबूत पेश किए है तथा मांग की है। कि,
वैक्सीनेशन को तुरंत रोका जाए। डॉ.
टेस लोरी के विज्ञापन में बताए गए दुष्परिणाम इस प्रकार हैं:–
खून की गुठलियां जमना
(Blood Clots), अंधापन,बहरापन,नाक के सूंघने की शक्ति चली जाना,
दिल के गंभीर रोग
(Heart inflammation), गर्भवती महिलाओं का गर्भ पात
(Abortion), या मृत बच्चा पैदा होना।*
Link: The preliminary
report is on her website Www.e-bmc.co.uk
इंडियन मेडिकल असोसिएशन
*(IMA)* की कोच्चि
*(Konchi)* शाखा द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार,
कोविड -19 वैक्सीन के दुष्प्रभाव भारत में बुजुर्गों की तुलना में युवाओं में ज्यादा देखने को मिले।
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कारण 4 # मैं अपने परिवार का एक जिम्मेदार व्यक्ति हूं और मैं अपनी जान जोखिम में नहीं डाल सकता। और अपने परिवार का भविष्य जान बुझकर खतरे मे नही डाल सकता।
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कारण 5 # क्योंकि,
मेरे पास अमेरिका,
ब्रिटेन, भारत तथा विश्व के जाने माने प्रतिष्ठित डॉक्टर्स द्वारा बताया गया,
सिद्ध, सुरक्षित,
दुष्परिणाम विरहित और किफायती इलाज उपलब्ध है।
मैंने और मेरे कई परिचित लोगों ने इस इलाज के द्वारा अच्छे स्वास्थ का लाभ प्राप्त किया है और कोरोना के पूर्ण कार्यकाल में भी स्वस्थ रहकर इलाज पर होने वाला खर्च और शरीर को होनेवाले नुकसान से बचाकर अपना व्यवसाय अच्छे तरीके से चलाकर तरक्की की है।
भारत सरकार,
मा. सुप्रीम कोर्ट और मा.
उच्च न्यायालय/हाई कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिये है कि,
वैक्सीन लेने के लिए किसी पर कोई बंधन नहीं है,
हर व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार आयुर्वेदिक,
नॅचरोपैथी या अन्य किसी भी चिकित्सा पद्धति के द्वारा खुद का ईलाज कर सकता है।
जबरदस्ती टीका करवाने वाले अधिकारी पर क्रिमिनल केस भी हो सकता है और उस अधिकारी से पिडीत व्यक्ति को मुआवजा
*(Compensation)* भी मिल सकता है।
*Link:* https://indianbarassociation.in/vaccination-is-not-mandatory-as-per-the-latest-judgment-of-high-court/
विशेषज्ञो ने कोरोना के कई विश्वसनीय और परिणामकारक इलाज बताये है,
जिनसे मुझे और मेरे परिचीत लोगों को लाभ हुआ है। जैसे;
(i) ‘Ivermectin’
(Tablet or Injection)
(ii) Vitamin D (Tablet
or Injection)
(iii) Naturopathy
treatment as suggested by Dr. Biswaroop Roy Chaudhary.
(iv) Ayurvedic
treatment as suggested by Baba Ramdev.
नोट: कोई भी उपचार डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करें।
अन्य विस्तृत/विस्तारपूर्वक जानकारी और सबूत के लिए निचे दी गई लिंक पर क्लिक करें।
*Link:1.* https://indianbarassociation.in/wp-content/uploads/2021/05/Legal-Notice-to-Dr.-Soumya-Swaminathan_Chief-Scientist-WHO-1.pdf
*Link: 2.* https://indianbarassociation.in/legal-notice-for-contempt-of-court-against-dr-tedros-adhanom-ghebreyesus-dr-soumya-swaminathan-and-the-directorate-general-of-health-services-dghs/
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कारण 6 # विश्व के प्रतिष्ठित डॉक्टरों के सुझाव तथा भारत के प्रसिद्ध डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट से स्पष्ट किया है की,
जिन लोगों को एक बार करोना हो कर गया है उन्हें दोबारा कोरोना का डर नही होता क्योंकि उनके शरीर में प्रतिकारक शक्ति
(Antibodies) विकसित हो जाती हैं।
वह प्रतिकारक शक्ति दुनिया कि किसी भी वैक्सीन से कई गुना बेहतर होती है और कई तरह के व्हेरियंट जैसे डेल्टा व्हेरियंट से लढ पाने में सक्षम है।
ऐसे व्यक्ति को वैक्सीन देना मतलब उस व्यक्ति के शरीर की आतंरिक प्रतिकार शक्ती (Immune
System) को बिगाड़कर उसकी जिंदगी खतरे में डालना हैं।
इसकी वजह से हमे हर साल वैक्सीन लेने के लिए भी मजबूर होना पड़ सकता है।
*Link:* https://img1.wsimg.com/blobby/go/99d35b02-a5cb-41e6-ad80-a070f8a5ee17/SMDwhitepaper.pdf
यह ऐसा है जैसे मोबाइल की बैटरी पूर्ण रूप से चार्ज हो जाने पर भी जबरदस्ती उसे अधिक चार्जिंग का प्रयास किया जाए।
अँटी बॉडी रहने वाले व्यक्ति को वेक्सीन का डोज देना इस प्रकार है की,
आपका पेट भरा है परंतु,
आपको जबरदस्ती फिर से भोजन करवाया जाए। और आपके स्वास्थ को खतरे मे डाला जाए।
एम्स के
*‘कोवैक्सीन के रिसर्चर’*
डॉ. संजीव राव का नवभारत टाईम्स का साक्षात्कार
(interview) देखे।
*Link:* https://epaper.navbharattimes.com/imageview_37204_24504_4_16_12-06-2021_6_i_1_sf.html
डॉ.
संजीव राव तथा अन्य विशेषज्ञो ने सरकार को सुझाव दिया हैं की,
किसी भी व्यक्ति को वैक्सीन देने से पहले उसकी एंटीबॉ डी टेस्ट करानी चाहिए। और अगर उनके शरीर में एंटीबॉडि विकसित हो गई है,
तो उन्हें वैक्सीन नहीं देनी चाहिए।
*Link: 1.* https://swachhindia.ndtv.com/no-need-to-vaccinate-people-who-had-documented-covid-19-infection-suggests-health-experts-60204/
*Link: 2.* https://www.hindustantimes.com/india-news/covid19-vaccine-no-need-to-vaccinate-people-once-infected-by-covid-why-experts-suggest-this-101623389249657.html
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कारण 7 # वैक्सीन लेने के बाद वैक्सीन के दुष्परिणामों की वजह से मेरे शरीर से नया व्हेरियंट तयार होकर समाज को हानि पंहुचा सकता है। इस बारे में पोलियो टीका
*(Polio Vaccine)* के डोज की वजह से नई महामारी तथा नए वायरस की उत्पत्ति का विस्तारपूर्वक/विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध है।
अमेरीका के फ्रंटलाईन डोक्टर्स ने अपने वेबसाईट पर इस बारे मे विस्तृत रिपोर्ट दी है।
*Link: 1:* https://img1.wsimg.com/blobby/go/99d35b02-a5cb-41e6-ad80-a070f8a5ee17/SMDwhitepaper.pdf
Link 2: https://greatgameindia.com/british-gavi-india/amp/?__twitter_impressi on=true&s=09
*Link 3 :* https://bit.ly/PBLetter_Twiter
अभी तक वैक्सीन माफिया कंपनियों ने कोई भी वैज्ञानिक
(scientific) प्रमाण नही दिया है की,
ऐसा नही होगा। केवल नरेटिव्ह बनाकर और विश्व स्वास्थ संगठन के डॉ.
सौम्या स्वामीनाथन जैसे बिकाऊ वैज्ञानिक ही आकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे है। उनका और विश्व स्वास्थ संगठन का भांडा फोड़ और उनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराने संबंधी संपूर्ण जानकारी आप नीचे दी गई लिंक पर पढ़ सकते है।
*Link:* https://drive.google.com/file/d/1LlZNlr4J2DZek-EDcZaJFdFdpfYRrmCw/view?usp=sharing
*#
कारण 8 #* इन लोगों ने साजिश के तहत भारत देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है। और दुश्मन देश चीन तथा इन वैक्सीन माफियाओं की अर्थव्यवस्था सुधरी हैं और इस जागतिक महामारी जैसे दौर में चीन ने भारतीय सीमा मे घुसपैठ कर युद्ध के हालात पैदा कर दिए थे। लेकिन भारत देश ने उसे मात दे दी। तो इन माफिया ने साजिश के तहत कोरोना की दूसरी लहर
*(Second wave of Corona)* का निर्माण कर तीन साल पुरानी गंगा में बहती लाशों की तस्वीरे दिखाकर,
ऑक्सिजन की झुठी कमी,
फेंक मीडिया द्वारा दिखाकर देशभर में भय और अराजकता का माहौल निर्माण करने का प्रयत्न किया और देश की बदनामी की तथा देश में फिर लॉकडाउन की स्थिति पैदा कर अर्थव्यवस्था को हानि पहुंचाने का प्रयास किया।
सुप्रीम कोर्ट की ऑडिट कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया की दिल्ली सरकार ने ऑक्सिजन की मांग
4 गुना ज्यादा बढ़ाकर दिखाई थी। उनका झूठ उजागर हो गया। जैसे ही दिल्ली पुलिस ने कोरोना के दुष्प्रचार वाले टुलकिट
*(Toolkit)* की जांच शुरू की वैसे ही न्यूज से कोरोना का कहर,
ऑक्सिजन की कमी और उत्तर प्रदेश की मौतें सब गायब हो गयी। और दूसरी लहर भी ख़त्म हो गई।
*Link:.* https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/two-congress-leaders-get-delhi-police-notices-to-join-probe-in-covid-toolkit-case/articleshow/82937577.cms?utm_source=contentofinterest&utm_medium=text&utm_campaign=cppst
*#
कारण 9 #* भारत सरकार की संसदीय समिति
*(Parliamentary Committee)* ने अपनी
72 वी रिपोर्ट में वैक्सीन माफिया बिल गेट्स के
*‘बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन’*
द्वारा गैर कानूनी तरीके से बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल कर
8 बच्चों की मौत के लिए उन्हें तथा भारत सरकार के आई.
सी. एम. आर.
*(ICMR)* के संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ सीबीआई द्वारा जांच और कानूनी कारवाई के निर्देश दिए है।सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ
*(Constitution Bench)* ने भी उस रिपोर्ट को साक्ष्य अधिनियम की धारा
74 *(section 74 of Evidence Act)* के तहत योग्य पाया हैं।
*[कमल मेहता बनाम केंद्र सरकार
(२०१८)७
SCC 1]*
उस मामले मे पीड़ित परिवारों को मुआवजा
(Compensation) और वैक्सीन कंपनी के बिल गेट्स,
ICMR के अधिकारी आरोपियों पर हत्या के लिए आयपीसी/भारतीय दंड संहिता
*(Indian Penal Code)* की धारा
*115, 304, 302, 419, 420, 120 (B), 34* आदि धाराओं के तहत कानूनी कारवाई बाकी है।
*#
कारण 10 #* विश्व स्वास्थ संघटन के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा इसके पहले भी वैक्सीन माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए स्वाइन फ्लू को झूठ के द्वारा महामारी दिखाकर जनता को गुमराह बनाने का काम किया गया। इसीलिए उनके खिलाफ यूरोपिन यूनियन के संसदीय समिति द्वारा जांच और कानूनी कारवाई संबंधी जानकारी नीचे दी गई लिंक में उपलब्ध है।
*Link:-* https://www.abc.net.au/news/2010-06-11/34926
*#
कारण 11 #* द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान झूठ फैलाकर ऐसे ही साजिश के तहत लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करनेवाले और उनके जान लेने के लिए जिम्मेदार तथा साथ देने वाले डॉक्टर,
वकिल, जज और अन्य जिम्मेदार लोगों को विशेष अदालत का गठन कर न्यूरेमबर्ग ट्रायल
(Nuremburg Trial) के तहत फांसी की सजा सुनाई गई थी।
भारत देश में भी भारतीय दंड संहिता की धारा
*109,120 (B),115* के तहत और साक्ष्य अधिनियम की धारा १० के तहत
*(Section 10 of Evidence Act)* वैक्सीन माफिया का साथ देने वाले मीडिया के लोगों को,
सरकारी अधिकारीयों,
डॉक्टरों आदि सभी को सजा-ए-मौत की सजा हो सकती है।
*#
कारण 12 #* क्योंकि,
वैक्सीन माफिया जो कि इंसानियत और मानवता के दुश्मन हैं। और उन्होंने साजिश रचकर बिकाऊ मीडिया और डॉक्टर के माध्यम से लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर उन्हें डर दिखाकर उनका रोजगार छीनकर लोगों को मजबूर और लोगों को गुलाम बनाना चाहते हैं।
और मैं इन पापों का भागीदार नहीं बनना चाहता। क्योंकि,
मैं एक देशभक्त,
धार्मिक और जिम्मेदार नागरिक हूं। मैं अपने मातृभूमि और अपने देश के गद्दारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से सहयोग नहीं कर सकता क्योंकि मुझे अपने आपको और अपने भगवान को जवाब देना हैं।
*#
कारण 13 #* क्योंकि वैक्सीन माफिया हमारे देशवासियों को मूर्ख समझते है। और उन्हें मैं बताना चाहता हूँ की उन जैसे कई आक्रांताओं को इस भारतभूमि ने कई बार पराजित किया है। और हम उस गौरवशाली परंपरा की संतान है। हम छत्रपति शिवाजी महाराज,
सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य,
चाणक्य, स्वामी विवेकानंद आदि गौरवशाली और विजयी इतिहास के वंशज है।
जो इस मातृभूमि के युद्ध और बलिदान के लिए हमेशा तैयार है ।
(भारतमाता)
तेरा वैभव अमर रहे मां।
हम दिन चार रहे ना रहे।।
*#
कारण 14 #* इस साजिश में शामिल दूसरे आरोपी डॉ.
अँथोनी फौची का इंटरव्यू ‘एनडी टीवी’
और ‘द हिंदू’
के देशविरोधी मीडिया अभियान के तहत लिया गया और देश को नीचा दिखाने की कोशिश की गई।
डॉ.
फौची के साजिश का भांडाफोड अमेरिका की संसद में सुनवाई
(hearing) और उनके ई–मेल्स को उजागर किया गया है। उनके खिलाफ भारत में जल्द ही क़ानूनी कारवाई की जाएगी।
*नोट:*
इंडियन बार असोसिएशन यह एक आंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त प्रतिष्ठित वकीलों का संघटन है । एडवोकेट निलेश ओझा देश के अग्रणी वकीलों में शामिल है। उन्होंने कईं किताबे लिखी है। किताबों की सूची संघटन के अधिकृत वेब पोर्टल पर उपलब्ध है।
*Law of Perjury, Law of Bail* की किताबे आप मुफ्त में डाउनलोड भी कर सकते है। देशहित के मामले में इस संघटन ने हमेशा आवाज उठाई है।
उनके मानवजाती के हित में उठाए गए कदमों की प्रशंसा पूरे विश्व के सभी देशों में की गई है ।
आप ट्विटर जैसे सोशल मिडीया और नेट पर इंडियन बार एसोसिएशन को विश्व भर से लाखों लोगो के मिल रहा समर्थन और विश्व में भारत का बढ़ता सम्मान देख सकते है।
आप निम्नलिखित इंटरव्यू में देख सकते है की,
अमेरिका, फ्रांस,
ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका आदि के विभिन्न प्रसिद्ध डॉक्टरों,
वकीलों और समाजहित में काम करनेवाले पत्रकारों ने इंडियन बार एसोसिएशन के कार्यों की प्रशंसा की है। इन कार्यो को विश्व भर के अनेक माध्यमों से प्रसारित और प्रकाशित किया है
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*Link: 1.* https://www.francesoir.fr/politique-monde/livermectine-utilisee-en-inde-avec-succes-confirmee-comme-traitement-contre-la-covid
*2.* https://youtu.be/brlZ_77uqn8
*3.* https://www.bitchute.com/video/62kUVBYFAliV/
*4.* https://www.youtube.com/watch?v=WenJhxVWekU
मर्जी है आपकी,
आखिर जिंदगी है आपकी